जगदलपुर

सरकारी संस्थानों के बदले निजी संस्थानों के डिग्री धारकों को क्यों दी जा रही प्राथमिकता ? – जनसभा

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए लैब तकनीशियन के भर्ती विज्ञापन में सरकारी कॉलेजों के डिग्री धारियों को जगह नही : जनसभा ने उठाई भर्ती निरस्त करने की मांग

सरकारी डिग्री के बदले निज़ी संस्थाओं के डिग्रियों को प्राथमिकता ; भर्ती निरस्त करने जनसभा ने उठाई आवाज़

जगदलपुर,9 मार्च। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बस्तर के कार्यालय से जारी भर्ती विज्ञापन जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न पदों के विरुद्ध आवेदन मंगाए गए थे।

जिनमें से लैब तकनीशियन के आरबीएसके में 04 और एनयूएसएम में 03 पदों के लिए चाही गई अर्हता पर जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष ने ग़लत मापदंड ठहराते हुए इस पड़ हेतु भर्ती निरस्त कर नए सिरे से प्रक्रिया करने की मांग उठाई है।

जनसभा के अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् ने बताया कि लैब तकनीशियन के लिए विज्ञापन में डीएमएलटी और बीएमएलटी योग्यताधारियों से आआवेदन मंगाए गए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ शासन ऐसी कोई डिप्लोमा या डिग्री के पाठ्यक्रम संचालित ही नही करती है। इस प्रकार मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निज़ी संस्थाओं से प्राप्त डिप्लोमा और डिग्री धारी युवाओं को प्राथमिकता देकर बस्तर के स्थानीय सरकारी संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जिसपर तत्काल भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करके नए सिरे से भर्ती विज्ञापन निकाला जावे ऐसा उन्होंने कहा है।

जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् ने इस पद के विरुद्ध आवेदन कर्म वाले युवाओं से आह्वान किया हैकि वे तत्काल इसके लिए दावा आपत्ति प्रस्तुत करें, ज़िला प्रशासन बस्तर के स्थानीय युवाओं के साथ सौतेला बर्ताव ना करें भर्ती निरस्त ना होने की स्तिथी में आंदोलन का रास्ता अपनाने की बात उन्होंने कही है। साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सरकारी संस्थानो के कोर्स को मान्यता ना देकर बाहर राज्य के निजी संस्थानों के डिप्लोमा डिग्री धारियों को अवसर देना बस्तर के युवाओं के साथ अन्याय है। इसके विरुद्ध जनसभा मुखरता से अपना विरोध दर्ज़ कराने के लिए तैयार है।

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