संपादकीय
हुक्का बंद, शराबखोरी होने दो…यह वही सरकार है….जिसे शराबबंदी के अपने चुनावी वादे को पूरा करना है।
संपादकीय,11 नवंबर। सीएम की हर बैठक के बाद पुलिस अधिकारी अपना रिकॉर्ड दुरुस्त करने में लग जाते हैं। उन्होंने प्रदेश में हुक्का बार चलने पर फटकार क्या लगाई अगले दिन रायपुर, बिलासपुर और दूसरे जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई चालू हो गई।
पहले हुक्का बार में ही छापामारी की जाती थी पर इस बार हुक्का का सामान, चिमनी और फ्लेवर बेचने वाले भी पकड़े गये। यदि यह नशे के खिलाफ जंग है तो सेल्यूट। बस काम कुछ आगे तक होना चाहिये था। शराबखोरी बढ़ रही है।
देर रात होने वाले हंगामे, मारपीट, यहां तक की मर्डर में, कितने हुक्का बार से लौटने वाले हैं और कितने शराब दुकानों से- इसका भी ब्यौरा जुटाना चाहिये। कितने घर हुक्का के चलते तबाह हो रहे हैं और कितने शराब की वजह से इसका भी डेटा हो। यह वही सरकार है जिसे शराबबंदी के अपने चुनावी वादे को पूरा करना है।