सुकमा,10 फ़रवरी। पूर्व जिलाध्यक्ष सुकमा व प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य हूंगाराम मरकाम ने मंत्री कवासी लखमा पर जमकर निशाना साधा उन्होने कहा कि प्रदेश के अनपढ़ ,अशिक्षित ,असंस्कारी दारू मंत्री कवासी लखमा का बयान हिन्दू , बौद्ध हिंदुस्तान के नहीं बाहर के हैं। इस घटिया बयान का मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। मैं अपने हिन्दू , बौद्ध भाई बहनों की तरफ से दारू मंत्री के मूर्खतापूर्ण बयान के लिये खेद प्रगट करता हूँ साथ ही मैं दारू मंत्री कवासी लखमा जी से कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ।
लखमा जी सविधान के महान निर्माता बाबा भीम राव अंबेडकर जी क्या बाहर से आये थे जो बौद्ध धर्म को मानते थे ?
लखमा जी हमारे सविधान निर्माता पूज्य बाबा भीमराव आंबेडकर जी क्या नहीं जानते थे कि हमारा- आपका धर्म क्या है,हमारी रीति- नीति किस धर्म के अनुकूल है ?
दारू मंत्री आपने अपनी गन्दी राजनीति चमकाने के लिये करोड़ो हिन्दू- बौद्ध भाई बहनों के साथ ही बाबा भीमराव आंबेडकर जी के सिद्धांतो को भी आहत किया है.
हजारों सालो से जिनका इतिहास इस देश के खून में रचा बसा है उनको बाहरी बता कर विदेशी धर्म को मानने वाली इटली से आई अपनी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की गुलामी कर बाप- बेटे की राजनीति चमकाने वाले दारू मंत्री जी को हमारे सभी हिन्दू बौद्ध भाई बहनों से मांगी मांगनी चाहिए जिन्हें आप बाहरी बता रहे है।
आदिवासियों का बड़े पैमाने पे धर्मांतरण करने वाली धर्म की बात न करके हिन्दू , बौद्ध को गाली देने वाले लखमा जी आपकी ये तोड़ने वाली राजनीति की उम्र महज एक साल ही रह गई है,जनता सब समझ गई है कि आप किनके लिये काम कर रहे है.
सुकमा जिले सहित पूरे संभाग में बाबा साहब अंबेडकर जी को मानने वालों के साथ ही , मेरे बौद्ध और सभी स्वाभिमान हिन्दू भाईयों बहनों की ओर से मेरा यह कहना है कि दारू मंत्री कवासी लखमा अपने घटिया बयान के लिये सार्वजनिक रूप से माफी मांगे.
आज यह लोग दूसरे देश से आए है कहकर बाहर जाने की बात कर रहे है, इसलिये आज हमें सावधान और सतर्क होने की जरुरत है और ऐसे तोड़ने वालो को अपनी ताकत से सबक सिखाने की जरुरत है.