छतीसगढ के बालोद जिले में हुई भगदड़ की घटना की मुख्य वजह आप भी जान लीजिए.
छतीसगढ़,30 नवंबर। छत्तीसगढ़ का बालोद ज़िला. 29 नवंबर सोमवार सुबह क़रीब 11 बजे यहां के पीपरछेड़ी धान खरीद केंद्र में भड़दड़ मच गई. कई महिलाएं बुरी तरह कुचल गईं. ये महिलाएं यहां धान बेचने के लिए टोकन लेने पहुंची थीं. भीड़ इतनी ज़्यादा थी कि ख़रीद केंद्र का गेट खुलते ही लोग जल्दबाजी में एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए. इससे भगदड़ मच गई. क़रीब 17 महिलाओं को इस वजह से चोटें आई हैं.
इस हादसे के बाद महिलाओं को पास के ही अस्पताल में ले जाया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है. इनमें 3 महिलाओं की हालत नाजुक बानी हुई है. इस हादसे के बाद बालोद के DM ने खरीद केंद्र की समिति के प्रबंधक को हटाने के निर्देश दे दिए हैं.
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के पीपरछेड़ी धान खरीदी केंद्र में बड़ा हादसा हो गया। किसानों की भीड़ ने टोकन लेने की होड़ में महिलाओं को कुचल दिया, जिसकी वज़ह से 17 महिलाएं और कई बुजुर्ग घायल हो गए, जिनमें से तीन महिलाओं की हालत गंभीर है। pic.twitter.com/8z38Xha6zB
— Hindustan (@Live_Hindustan) November 29, 2021
क्यों जमा हुई इतनी भीड़?
दैनिक भास्कर की ख़बर के अनुसार छत्तीसगढ़ के सहकारी समितियों में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू होने वाली है. इसी के मद्देनजर बालोद जिले के पीपरछेड़ी समिति में एक साथ चार गांव के लोगों को टोकन के लिए बुला लिया गया था. गेट के सामने सैंकड़ों किसान देर रात से ही पहुंचने लगे थे. जिस वजह से भीड़ बहुत ज्यादा हो गई थी. छत्तीसगढ़ में खरीद केंद्रों की संख्या भी बेहद कम है, जिस वजह से खरीद केंद्रों पर अव्यवस्था की स्थिति होना एक आम बात है. पिछले साल भी धान खरीद केंद्रों से टोकन बांटने और खरीद प्रक्रिया में लापरवाही को लेकर हंगामे की खबरें आई थीं. कुछ दिन पहले ही राज्य के गरियाबंद जिले में किसानों ने नया खरीद केंद्र खोलने को लेकर कई घंटों तक चक्काजाम किया था.
ट्विटर पर आई प्रतिक्रियाएं
भड़दड़ का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लोग इस पर अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, आइए देखते हैं कुछ प्रतिक्रियाएं – Arusha Rathore नाम की यूजर ने प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल को टैग करते हुए लिखा-
आम जनता का हाल बुरी तरह से बेहाल है. जमीन इनकी, फसल इनकी, मेहनत भी इनकी, पर बीजेपी शासन में उसकी खरीद इनके लिए कितनी मुश्किल कर दी गई है, और कितने किसानो की जान लेगी ये सरकार, कम से कम कांग्रेस सरकार तो बीजेपी के रास्ते ना चलकर इन किसानो को राहत दे, ये दुखद घटना है.”