आयुष विभाग के कर्मचारी बन गए झोला छाप डॉक्टर…करते है सभी बीमारियों का गारंटी के साथ इलाज.
जगदलपुर, 2 दिसम्बर । तोकापाल ब्लॉक् के ग्राम पंचायत केसलूर में एक झोलाछाप डॉक्टर तामझाम के साथ क्लीनिक संचालित कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय के सात बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध तरीके से किया जा रहा हैं।
ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आई हुई है, हर पांच किलोमीटर की दूरी पर एक झोलाछाप डॉक्टर तामझाम के साथ क्लीनिक संचालित कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है। बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सालों से अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे इन लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। ताज़ा मामला तोकापाल ब्लॉक् के केसलूर का हैं। यहाँ के. आर. प्रधान नामक एक व्यक्ति के द्वारा घर पर ही लोगो का इलाज किया जा रहा हैं। श्री प्रधान के बारे में हमें जो जानकारी मिली हैं चिंगपाल के आयुष विभाग में फार्मासिस्ट के पद में शासकीय नौकरी में हैं ओर उनकी लगभग 2 साल के बाद उनकी रिटायरमेंट हैं लेकिन साहब बीते 20 सालो से अपने घर पर ही बोतल इंजेक्शन व खून चढ़ाना, हड्डी टूटने पर बांडेड प्लास्टर, कटने फटने पर टाका, सिलाई कान नाक गला सिकाई के, पेशाब एवं खून जांच 1 घंटे के अंदर, मलेरिया, टाइफाइड, शुगर, सोनोग्राफी, एक्स-रे, गुप्त रोग, बच्चेदानी का ऑपरेशन जैसी सभी बीमारी का इलाज यहाँ कर रहे हैं। अब सोचने वाली बात हैं की इतनी गंभीर बीमारी का इलाज एक आयुष विभाग का फार्मासिस्ट किस आधार पर कर रहे हैं? रही बात मरीजों की तो मरीज अच्छा डॉक्टर समझकर इलाज करवाते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं रहता है कि उनका इलाज भगवान भरोसे किया जा रहा है।