विगत दिनों प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने दावा किया था… छत्तीसगढ़ कांग्रेस देश में सर्वाधिक मजबूत.. लेकिन स्थिति तो कुछ और ही बयां कर रही है….
बस्तर,5 मई। कांग्रेस देश में सर्वाधिक मजबूत छत्तीसगढ़ में होने का दावा बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने विगत दिनों किया था, लेकिन ढ़ाई ढ़ाई साल के फार्मूले के चलते पंजाब में जो कांग्रेस का जो हाल विधानसभा चुनाव में हुआ है वैसा ही छत्तीसगढ़ में ना हो जायें इस पर भी कांग्रेस आलाकमान को मंथन करने की जरूरत है? यह सवाल आम जनता के साथ ही कांग्रेसियों के अंदर भी उठने लगा है।
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने आज बस्तर संभाग मुख्यालय में आयोजित पत्रवार्ता में एक बार फिर कहा कि उन्हें ढ़ाई ढ़ाई साल के फार्मूले के लागू होने की पूरी उम्मीद है, जो बताता है कि कुर्सी की दौड़ विधानसभा चुनाव के ढ़ेड साल बचे होने के बाद भी जारी है। वही दूसरी तरफ राहुल गांधी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है। जनता भी भ्रम की स्थिति में है कि राहुल गांधी स्थिति साफ क्यों नही करते है। भाजपा पहले ही राहुल गाँधी पर कांग्रेस को डृबाने का आरोप लगाती रही है, छत्तीसगढ़ के मामले पर जिस तरह से राहुल गांधी ढ़ाई ढ़ाई साल के फार्मूले पर मौन साधे हुए है, उससे आम जनता में यही संदेश जा रहा है कि राहुल गांधी का ढूलमूल रवैया छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए नुक्सान दायक साबित होगा।
राहुल गांधी के ढुलमुल रवैया के चलते ढ़ाई ढ़ाई फार्मूला विवाद खत्म नही हो रहा
विधानसभा चुनाव को ढेड़ साल का वक्त बचा है लेकिन ऐसा साल का लम्बा वक्त गुजर जाने के बाद भी ढ़ाई ढ़ाई साल के फार्मूले का समाधान अभी तक राहुल गांधी नही खोज पाने के कारण पंजाब की तर्ज पर ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अंदर गुटबांजी का इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बस्तर प्रवास के दौरान जहां अधिकांश कांग्रेसी नेता गायब थे वही शिष्टाचार निभाने के लिए भी कलेक्टर व एसपी नही मिलने पहुंचे, जिसकों लेकर भी स्वास्थ्य मंत्री ने कही ना कही नाराजगी जाहिर करने के साथ ही ढ़ाई ढ़ाई साल के फार्मूला को लागू होनेे की उम्मीद कायम होने की बात कहना यही संकेत दे रहा है कि कांग्रेस के अंदर चल रहा सत्ता संघर्ष विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हार का प्रमुख कारण भी बन सकता है।
भाजपा की कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को हवा देने की हर संभव कोशिश कर रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा को क्षेत्रीय दलों की तुलना में कांग्रेस को हराना ज्यादा आसान रहा है, ढ़ाई ढ़ाई साल के फार्मूले के सार्वजनिक हो जाने के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा को सत्ता वापसी की नई उम्मीद जगा दी है, क्योकि विधानसभा चुनाव करीब आते आते कांग्रेस की अंदर कुर्सी की यह लड़ाई और तेज होती जायेगी, जिसका खामियाजा कही ना कही कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा जिसके लिए कांग्रेसी नेता राहुल गांधी भी जिम्ेमेदार है क्योकि उन्होंने अगर ढ़ाई ढ़ाई साल का कोई वादा किया था तो उसे पूरा करना चाहिए था या फिर छत्तीसगढ़ की जनता के सामने आकर यह बताना चाहिए कि उन्होंने ऐसा कोई वादा नही किया है। राहुल गांधी जिस ईमानदार राजनीति की बात करते है, वह कम से कम छत्तीसगढ़ में ढ़ाई-ढ़ाई साल वाले फार्मूले पर तो नही दिखाई दे रही है।