छत्तीसगढ़ : 10 जनवरी को कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा
संपादकीय,15 दिसंबर। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इस महीने की 17 तारीख को अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। स्वाभाविक है कि जश्न तो होगा, लिहाजा जोर-शोर से तैयारी भी चल रही है, लेकिन जश्न के साथ-साथ विरोधियों को झटका देने की भी तैयारी चल रही है। दरअसल, जुलाई-अगस्त के महीने से छत्तीसगढ़ में पावर शेयरिंग फार्मूले को लागू करने का जबरदस्त हल्ला मचा रहा। दोनों तरफ से खूब दिल्ली दौड़ भी हुई।
जोर-आजमाइश से लेकर शक्ति प्रदर्शन तक हुआ। हालांकि पिछले कुछ दिनों से सब कुछ शांत दिखाई पड़ रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अब पावर शेयरिंग की संभावना नहीं है। इससे दूसरे खेमे में चिंता तो जरूर होगी। इसके अलावा 10 जनवरी के आसपास मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं ने विधायकों-मंत्रियों में बेचैनी बढ़ा दी है।
कहा जा रहा है कि खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। इस आधार पर कैबिनेट में जगह पाने और कुर्सी बचाने के लिए विधायकों-मंत्रियों की चुपचाप दिल्ली दौड़ भी शुरू हो गई है। अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के विधायक पुत्र की पार्टी प्रमुख से मुलाकात और बिलासपुर संभाग के एक मंत्री की हाईकमान के समक्ष हाजिरी को लेकर काफी कानाफूसी हो रही है। संभव है कि इस जोड़-तोड़ में और भी विधायक-मंत्री शामिल होंगे। क्योंकि इस दौरान तो कैबिनेट में बदलाव की केवल अटकलें लगाई जा रही थी अब तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं कह दिया है कि मंत्रिमंडल में बदलाव का समय आ गया है। तब तो अटकलों पर भरोसा करना ही पड़ेगा।
इसके बाद किसका पत्ता कटेगा और किसका नंबर लगेगा, इसके लिए तो फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन सीएम के इस बयान के बाद विधायक-मंत्रियों की धुकधुकी तो जरूर बढ़ गई होगी। उधर, सत्ता के करीबी इस बात से खुश हैं कि इसी बहाने तीन साल के उत्सव के शक्ति प्रदर्शन में भागीदारी बढ़ेगी और नगरीय निकाय से लेकर यूपी के चुनाव में विधायक-मंत्रियों की सक्रियता भी बढ़ेगी। खैर, यह तो सियासत की मांग है जिसमें दांवपेंच तो चलते हैं और चलते रहेंगे।