जगदलपुर,29 नवंबर। जन अधिकार मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रिकर सिंह एवं प्रदेश महासचिव विपिन तिवारी ने संयुका रूप से बयान जारी कर कहा है कि, छत्तीसगढ़ राज्य में विद्युत मण्डल विभाग द्वारा अक्टूबर माह- 2024 के देयक में सुरक्षा निधि के नाम पर वसूल की जाने वाली राशि के नाम से जनता त्रस्त है। क्योंकि ली जाने वाली सुरक्षा निधि राशि जो एक लम्बी रकम होती है वहीं दूसरी ओर न तो इसके मानक और न ही इस संबंध में, पूर्व में उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की जानकारी से अनभिज्ञ रखा जाता है और यह रकम कंपनी को इस राज्य से अरबों रूपये के रूप में एकत्रित कर लिया जाता है.
जिसे कंपनी काफी मुनाफा कमाती है। और वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता को दी जाने वाली राहत समय पर नहीं मिल पाता। आहरण स्वरूप आज दिनांक 29/11/2024 को जगदलपुर में कार्यपालन अभियंता, छगाराविविकंमर्या को बिन्दुवार ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने स्थानीय स्तर की हर समस्या का समाधान करने तत्परता दिखाई परन्तु सुरक्षा निधि मामला राज्य स्तरीय होने के कारण प्रतिनिधि मण्डल द्वारा घोर विरोध करने की बात कही है।
सौंपे गये बिन्दुवार समस्या निम्नानुसार है-
(1) यह कि, माह- अक्टूबर 2024 के देयक में सुरक्षा निधि के नाम पर भारी पैमाने पर राशि की वसूली की जा रही है, जिसका मानक की जानकारी से किसी भी उपभोक्ता को अवगत नहीं कराया गया है ऐसा क्यों?
(2) यह कि, ध्यान में यह भी बात लायी गयी है कि, पहुँच रखने एवं चर्चित उपभोक्ताओं तथा अतिनिवेदन करने वाले उपभोक्ताओं के देयकों में राशि को घटायी जाकर देयक के भुगतान प्राप्त किये जा रहे है.
जो अपने-आप में सिद्ध करते है कि, विभाग द्वारा मनमानी की गयी है। देयक में शुद्ध राशि के स्थान पर संशोधन कर यदि कम राशि ली गयी तो पूर्व की शुद्ध देय राशि किस आधार पर बनायी गयी थी और जो राशि घटाई गयी है उसकी भरपाई कहां से की जायेगी?
(3) यह कि, सुरक्षा निधि के नाम पर की जाने वाली राशि से उपभोक्ताओं को होने वाले लाभ से अवगत कराया जावे। साथ ही यह राशि करोडो में होती है उसकी उपयोगिता क्या है?
(4) छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उपभोक्ताओं को देय छूट की वार्तमान स्थिति से अवगत कराया जावे।
(5) यह कि, आपके प्रति देयक में मीटर किराया दर्शाया जाता है जबकि मीटर लगाने के पूर्व ही राशि जमा करा ली जाती है। यदि मीटर के देख-रेख के नाम पर मीटर किराया प्रतिमाह वसूल की जाती है तो उपभोक्ताओं के मीटर की समय-समय पर जांच क्यों नहीं किया जाता.
(6) यह कि, यह शिकायत प्राप्त हुई है कि, बिना मीटर रिडिंग के अनुमानित देयक प्रस्तुत करना किसी भी स्थिति में न तो उचित और न ही न्याय संगत है, इसके कारण गरीब उपभोक्ताओं को काफी कठिनाईयों का सामना करना पडा है।
(7) यह कि, विद्युत देयक के निर्धारण कर मापदण्ड क्या है?
प्रदेश अध्यक्ष एवं महासचिव ने कहा है कि, सुरक्षा निधि का मानक एवं मापदण्ड से उपभोक्ताओं को अवगत नहीं कराया गया, तो इसका घोर विरोध करते हुए आन्दोलन कर मार्ग अपनाया जा सकता है। मिलने वालों में रवि तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष, विनय मण्डल, संभागीय उपाध्यक्ष, सुनीता सोरी, संभागीय उपाध्यक्ष, असीमा, प्रिया याक्य उपस्थित रहे।