जगदलपुर,29 नवंबर। आज बस्तर जिला कॉंग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा है,की भाजपा सिर्फ बस्तर का दोहन और अपनी मार्केटिंग करने में माहिर है जो रावघाट तक रेलपटरी का काम पूरा कर लिया है ताकि वहां से खनन और परिवहन का कार्य हो सके किंतु आगे तक का कार्य क्यों नहीं हो पा रहा है.
जबकि इस समस्या पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 9 मई 2015 एनएमडीसी.सेल इस्कॉन कंपनी और छत्तीसगढ़ मिनिरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के साथ प्रयोग करते हुए बीआरपीएल बस्तर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का गठन किया था और कहा था कि बस्तर को अब रेल सुविधा मिलने वाली है,परंतु आज पर्यंत तक वह हवा हवाई ही साबित हुई है।28 सितंबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और रेल राज्य मंत्री राजेंद्र गोहिल और विष्णु देव साईं की उपस्थिति में भूमि पूजन किया था,और कहा गया था कि अब बस्तर को रेल सुविधा में दिक्कत नहीं होगी परंतु वह कार्य आगे ही नहीं बढ़ पाया।कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी बस्तर के साथ धोखा करने का काम यहां के आदिवासियों को छलने का काम करने में माहिर है आदिवासियों को झूठे ख्वाब दिखाकर सिर्फ अपनी मार्केटिंग कर जनता से वोट लेना चाहती है और बस्तर को सिर्फ चारागाह बनाना चाहती है जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है।
22 सितंबर 2022 को भी बीआरपीएल कंपनी ने कहा कि हम यह कार्य नहीं कर पाएंगे इसके बाद भारतीय जनता पार्टी कि केंद्र में सरकार होने के बाद भी काम नहीं हो पाया।रेलवे बोर्ड ने कहा कि हम अब बस्तर में रावघाट रेल परियोजना का कार्य आगे बढ़ाएंगे, परंतु आज तक रेलवे बोर्ड सिर्फ डीपीआर डीपीआर के नाम पर बस्तरवासियों को ठगने का काम कर रहा है, भारतीय जनता पार्टी के नेता 2023 में केंद्रीय रेल मंत्री से मिलते हैं और रेल मंत्री के ऑफिसियल पेज से जारी होता है.
दोनों तरफ से कार्य प्रारंभ होगा जिस पर आकर बस्तर के नेता केदार कश्यप जी संतोष बाफना जी अपना श्रेय लेने के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं होर्डिंग लगाते हैं अब बस्तर को झूठ बोलकर वोट पाने का षड्यंत्र रखते हैं जो सरकार बनने के बाद एक बार भी डबल इंजन की सरकार प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने एक बार भी प्रधानमंत्री से मिलकर इस गंभीर विषय पर वर्षों से लंबित मांग पर कोई चर्चा नहीं की और कोई पत्राचार भी नहीं किया।बस्तर भाजपा के नेता जो आज मंत्री विधायक है जवाब दे कि रेल मंत्री ने मई २०२३ में क्या आश्वासन दिया था। यदि मंत्री आश्वासन पर कायम नहीं रहे तो भाजपा नेताओं ने क्या उनसे पूछा.
शहर जिला कॉंग्रेस अध्यक्ष मौर्य ने कहा, बस्तर सांसद महेश कश्यप आज रेलमंत्री से सवाल किया है जिसमें रेल मंत्री का कहना है की डीपीआर बनकर तैयार है तो फिर डीपीआर की प्रशासनिक स्वीकृति क्यों नहीं हो रही है?
जबकि डीपीआर बढ़कर 3513 करोड़ का हो गया है जो पूर्व में 2513 करोड़ का था 1000 करोड़ की बढ़ोतरी पर रेलवे बोर्ड 2 साल का वक्त खराब कर रहा है,कुल मिलाकर बस्तर के हिस्से में झूठे वादे यहां के संसाधनों का दोहन और आदिवासियों का शोषण यही बस्तर की कहानी बनकर रह गई है।
कांग्रेस पार्टी रावघाट रेल परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करता है, क्योंकि पूर्व के सांसद दीपक बैज जी ने भी बस्तर के ज्वलंत मुद्दों को लेकर सदन में रेल परियोजना,हवाई सेवा सड़क मार्ग सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाकी व प्रमुखता से ध्यान आकर्षण किया था, सदन में बोलने का काम किया, परंतु भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री बस्तर को कुछ देना ही नहीं चाहते थे और अब वही बस्तर महेश कश्यप की आवाज उठाने के बाद भी परिस्थितियां जस की तस बनी हुई है रेलवे बोर्ड बस्तर का सिर्फ शोषण और दोहन करना चाहता है जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है और कांग्रेस पार्टी भविष्य में इस ज्वलंत मुद्दों को लेकर बस्तर के वासियों के साथ एक लंबी लड़ाई लड़ेगी विदित होगी भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के वक्त सिर्फ झूठ बोलकर आदिवासियों को रेलसेवा के झूठे सपने दिखाकर अपनी मार्केटिंग कर उनका वोट लेना चाहते हैं इनका कार्य सिर्फ सत्ता में आकर सिर्फ मलाई खाना चाहते हैं पर आदिवासियों के हित में कभी संघर्ष नहीं करना चाहते हैं कोई आंदोलन नहीं करना चाहते हैं किंतु अब बस्तर के आदिवासियों को बस्तर के रहवासियों को इस गंभीर विषय पर सोच विचार व समझने की अब आवश्यकता आन पड़ी है, आपको महसूस करना होगा कि बस्तर का असली हितैषी कौन है.