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भाजपा सरकार में सुनियोजित तरीके से पत्रकारों का दमन किया जा रहा कांग्रेस ने बस्तर के पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की

12 अगस्त 2024। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार बप्पी राय, निशु त्रिवेदी, महेंद्र सिंह और धर्मेंद्र सिंह को आंध्र पुलिस के द्वारा फर्जी मामले में गिरफ्तार करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य सरकार इन पत्रकारों की तत्काल रिहाई करवाये और इनके खिलाफ षडयंत्र रचकर झूठा मुकदमा दर्ज करने वाले थानेदार और माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जाये। भाजपा की सरकार बनते ही प्रदेश में माफियाओं का राज चल रहा है। थानेदार माफियाओं के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं और जो पत्रकार इनके खिलाफ आवाज उठाता है उन पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसा कर गिरफ्तार कराया जाता है। उनकी आवाज को दबाया, कुचला जाता है। भाजपा सरकार में पत्रकारों को सवाल पूछने से रोका जाता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया था। साय सरकार बनते ही पत्रकार सुरक्षा कानून का मख़ौल उड़ाया जा रहा है। पत्रकार अब सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन पर है वही पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं। छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश सीमा में अंतरराष्ट्रीय रेत माफिया की कारगुजारी को उजागर करने वाले पत्रकारों को झूठे मामले में गिरफ्तार करवाया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश में पत्रकारों के खिलाफ सरकारी तंत्र लगा हुआ है। जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकार और मीडिया संस्थानों को विज्ञापन बंद कर देने की धमकी दी जाती है। उन पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए जाते हैं। भाजपा सरकार में रेत माफिया, कोल माफिया, शराब माफिया, गांजा तस्कर, ड्रग्स तस्कर, गौ तस्कर फल-फूल रहे हैं और उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले आम जनता और पत्रकारों के ऊपर अत्याचार हो रहा है और यह सब भाजपा सरकार के संरक्षण में हो रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश के गृहमंत्री बस्तर के इन चारों पत्रकरों को छुड़वाने तीन दिनों में अब तक कोई सार्थक पहल तक नहीं की जबकि आंध्रप्रदेश में एनडीए घटक दल चंद्र बाबू नायडू की सरकार है जिनकी बैसाखी के सहारे नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं और भाजपा के साथ इनके संबंध भी मधुर है फिर क्यों बस्तर के निर्दोष पत्रकारों को छुड़वाने कोई पहल राज्य सरकार नहीं कर रही है?

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