छत्तीसगढ़बस्तरसुकमा

खिलाड़ियो के अपमान के ज़िम्मेदार मंत्री कवासी लखमा और पुत्र हरिश है : हूंगा राम मरकाम.

सुकमा,26 नवम्बर। जिला सुकमा में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के अन्तर्गत जिला स्तरीय महिला एवं पुरुष 18 वर्ष से 40 वर्ष एवं 40 वर्ष से अधिक के खिलाड़ियों के खेल का अयोजन 24 नवंबर और 25 नवंबर हुआ था।

इस ओलंपिक में सभी प्रतिभागियों को उपस्थिति कराने की जिम्मेदारी पंचायत सचिवों को दी गई । वह भी ऐसे समय में जब धान कटाई एवं मिजाई का समय चल रहा है, इसके बाद भी हमारे सचिव भाइयों ने धान की कटाई और मिजाई के बीच परेशानी झेलते हुए समय निकालकर सभी प्रतिभागियों को समय पर इस अयोजन में पहुंचाया ।

इस अयोजन के अंतिम दिन यानी 25 नवंबर को पुरस्कार वितरण किया गया । जिसमे सिर्फ विजेता टीम को ही पुरस्कार दिया गया उप विजेता को नहीं जबकि खेल में कहीं भी ऐसा नहीं होता है की उपविजेता को प्रोत्साहन या सान्तावना स्वरूप पुरस्कार नही दिया जाता है।

जबकि सामूहिक खेलों जैसे खो- खो, कबड्डी में सभी प्रतिभागियों का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन उन्हे पुरस्कार नहीं दिया गया। जिससे प्रतिभागी आपस में लड़ते दिखे।

इस पूरे मसले को लेकर खेल अधिकारी से प्रतिभागी एवं मंडल सचिव ने मुलाकात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

इतना ही नहीं हद तो तब हो गई जब पुरुष वर्ग का खेल 24 नवंबर को संपन्न होने के बाद भी पुरस्कार नहीं है कहते हुए पुरस्कार का वितरण 28 नवंबर यानी सोमवार को देने की बात कही है। ऐसा लग रहा है मानो कांग्रेस सरकार अब खेलो में भी नई परंपरा की शुरुवात करते हुए हमारे खिलाडियों का अपमान करने में भी शर्म महसूस नहीं कर रही है। यदि शासन के पास पुरस्कार देने तक के पैसे नहीं है।तो यह सरकार हमारे खिलाडियों का अपमान क्यों कर रही है।

शर्म की बात तो यह है कि इन सब के जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि सूबे के मंत्री स्थानिय विधायक कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश कवासी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!