भाजपा 2023 के लिये तैयार…
राजनीति गलियारा 30 अप्रैल। कांग्रेस भाजपा दोनों खैरागढ़ विधानसभा उप-चुनाव को सेमी फाइनल मानकर चल रहे थे। तीन उपचुनावों में पराजय के बाद बीजेपी को यहां से काफी उम्मीद थी। केंद्रीय मंत्रियों और दूसरे राज्यों से मुख्यमंत्रियों को प्रचार में बुलाया गया, लेकिन नतीजे उलट आए। हार-जीत का अंतर भी कम नहीं था। खैरागढ़ के नतीजे ने बता दिया कि 2023 के लिए भाजपा की अब तक की तैयारी काफी नहीं है। किसानों और पिछड़े वर्ग के बीच यह सरकार मजबूत जगह बनाती दिख रही है, जिसका विकल्प भाजपा को ढूंढना है। सरकार के खिलाफ मुद्दे तो हमेशा रहते हैं, पर विपक्ष सडक़ पर दिखाई नहीं दे रहा है। विधानसभा और सोशल मीडिया में सक्रियता से मतदाताओं को रिझा पाना मुश्किल ही है। समय-समय पर खुलकर बोलने वाले नंद कुमार साय ने कुछ दिन पहले इसी तरह की बात कही भी थी।
15 साल तक प्रदेश में लगातार सरकार चलाने के बाद भाजपा प्रतिपक्ष के रूप में छाप छोडऩे में कुछ कमजोर पड़ रही है। संगठन के बुलावे पर डॉ रमन सिंह, विष्णुदेव साय, धरमलाल कौशिक आदि दिल्ली पहुंचे, बैठकें की। रमन सिंह ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मुलाकात की।
इसके बाद सियासी गलियारे में यह चर्चा चलने लगी कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर पार्टी के भीतर बदलाव किया जाएगा। हालांकि दिल्ली से लौटने के बाद प्रदेश के नेता इस बात से इंकार कर रहे हैं। नेतृत्व बदले ना बदले, ? फिलहाल रणनीति बदलना तो भाजपा जरूरी दिखाई देता ही है। दिल्ली में क्या सीख, समझाइश मिली इसका आकलन आगे के दिनों में किया जा सकेगा।