जगदलपुर,19 अक्टूबर। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के माध्यम से विकास कार्य करवाने और साथ ही इसके माध्यम से गरीब ग्रामीणों को गांव में रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सरकार योजना चला रही है लेकिन इस योजना का ग्रामीणो को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.दरअसल ताजा मामला बकावंड ब्लॉक के ग्राम पंचायत डीमरापाल का है जहाँ के रोजगार सहायक पर ग्रामीणों ने तालाब निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए है।
ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचायत के रोजगार सहायक कि भुमिका सन्देह के घेरे में है क्यों कि मनरेगा के काम को मजाक बनाने में रोजगार सहायक ने कोई कसर नहीं छोड़ी। दरअसल पंचायत में वर्ष 2019-20 में मनेगा के तहत तालाब निर्माण का कार्य करवाया गया था। जिसका भुगतान आज पर्यंत तक ग्रामीणों को नहीं किया गया और मनरेगा जॉब कार्ड भी ऐसे लोगों का बनाया गया जो इस दुनिया में ही नही है।(मरे हुए लोगों से पंचायत ने मनरेगा का काम करा का भुगतान भी कर दीया) इसके अलावा ऐसे लोगों का भी काम करना दिखाया गया।
जिसे खुद जॉब कार्ड बनने की जानकारी ही नही लेकिन मिले दस्तावेज के अनुसार काम नही करने वालो के खाते में राशि दिखा कर पैसे का आहरण कर लिया गया। एक तरफ़ सरकार ग्रामीणों को 100 दिनों का रोजगार दिलाने मनरेगा के कार्य को बढ़ावा दे रही है वहीं दुसरी ओर पंचायत के रोजगार सहायक अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से शासन के लाखो रुपए को बंदर बाट करने से बाज नहीं आ रहे है!
इस मामले में सचिव का कहना है कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है, मुझे यह आए अभी कुछ महीने ही हुए है। अगर ऐसा कुछ हुआ है,तो उक्त व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
जब इस संबंध में हमने रोजगार सहायक से बात करनी चाही तो वे फोन पर मिले ही नही।