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ठेकेदार,इंजीनियर मिल गुणवत्ता की कर रहे ऐसी की तैसी, मौन बैठे हैं आदिवासी विभाग के A.C.

जगदलपुर, 19 दिसम्बर2023 । सरकार आदिवासी इलाकों के छात्रों को शहरों और कस्बों में रहने वाले छात्रों के बराबर लाने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार आदिवासियों के लिए आश्रम स्कूल और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चला रही है। आश्रम स्कूल के छात्रों को शहरी क्षेत्रों के छात्रों के बराबर लाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व रहने की व्यवस्था प्रदान करने की भरपूर कोशिश कर रही है। लेकिन विभाग के जिम्मेदार बच्चों के लिए शिक्षा व रहने की व्यवस्था को लेकर स्वीकृत राशि पर भ्रष्टाचार कर जेब भरने में लगे हैं।

ताज़ा मामला जिला मुख्यालय का आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत बालक छात्रावास नयापारा जगदलपुर का हैं जहां अतिरिक्त कक्ष -02 का निर्माण लगभग 50 लाख रूपये की लागत राशि से निर्माणाधीन अतिरिक्त कक्ष भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।जहां पर आदिवासी विकास विभाग के सब इंजीनियर व ठेकेदार द्वारा जमकर भ्रष्टाचार व अनियमितता बरती जा रही है। क्योंकि स्टीमेंट के आधार पर कार्य ही नहीं किया जा रहा है।बल्कि सीमेंट वह अन्य मटेरियल का उपयोग आवश्यकता से कम व गुणवत्ता विहीन इट का प्रयोग किया जा रहा है।सूत्र बताते हैं की मटेरियल का लैब से गुणवत्ता परीक्षण भी नहीं कराया गया हैं। कार्यस्थल में गुणवत्ता को ताक में रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा है।बल्कि सीमेंट वह अन्य मटेरियल का उपयोग आवश्यकता से कम व गुणवत्ता विहीन इट का प्रयोग किया जा रहा है। वही विभाग के जवाबदार सब इंजीनियर नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते। कार्य में उपयोग हो रहे मटेरियल इट,गिट्टी, रेत,सीमेंट व छड़ निम्न स्तर का है सात ही कार्यस्थल में उपयोग हो रहे सीमेंट में उत्पादक की तिथि व उपयोग की अंतिम तिथि बोरी में दर्ज नहीं हैं अब तो ठेकेदार ओर विभाग के जवाबदार जाने की ऐ कब बना ओर कब इसका अंतिम तारिक कब हैं? अब सोचने वाली बात हैं की विभाग के जवाबदार अधिकारी के नाक के निचे ठेकेदार नियमों की धज्जिया उड़ा रहे हैं ओर विभाग मौन हैं। अब ऐ देखने वाली बात हैं की जांच में क्या पाया जाता हैं क्यूंकि कार्यस्थल में जो इट व सीमेंट का उपयोग हो रहा हैं वह गुणवत्ता विहीन हैं।

इस मामले में विभाग के सब इंजिनियर श्री मंडावी का कहना हैं की मैंने ठेकेदार को इट चेंज करने को कहा था मटेरियल की गुणवत्ता रिपोर्ट आने के बाद ही बिल बनाया जाएगा। यदि टेस्ट में मटेरियल फेल हो जाता है तो भवन को तोड़ा जाएगा।

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